BED Vs DELED: प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड वाले बाहर, चयनितों की नियुक्तियां रद्द नौकरी भी छिनेगी
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच का यह फैसला आया है इसके अंतर्गत डीएलएड अभ्यर्थी की उच्च याचिका पर निर्णय दिया गया है जिसमें प्राइमरी शिक्षक भर्ती में बीएड वालों के चयन को चुनौती दी गई थी याचिका कर्ताओ ने सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2023 के फैसले को आधार बनाते हुए प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड योग्यता को असवैधानिक घोषित कर इसे हटाने की मांग की।
डीएलएड अभ्यर्थियों की तरफ से दायर याचिका में बताया गया है कि डीएलएड कोर्स में प्राइमरी कक्षाओं के बच्चे को पढ़ने के खास ट्रेनिंग दी जाती है जबकि बीएड कोर्स में बड़ी कक्षाओं को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है छोटी कक्षाओं की टीचरों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने से शिक्षा की गुणवत्ता में असर आएगा और यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन ने उल्लंघन किया है।
सुप्रीम कोर्ट की फैसले को इसमें आधार बनाया गया है सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 के अपने फैसले के तहत कहां है कि केवल डीएलएड यानी बीएसटीसी डिप्लोमा धारा की प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ने के लिए पात्र होंगे पीठ ने एनसीटीई ( राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ) के उस गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था। एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।
BED Vs DELED Check
4 मई 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में सहायक शिक्षकों के 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था 10 जून को इसकी परीक्षा आयोजित करवाई गई थी इसमें बीएड और डीएलएड दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिसके ऊपर यह फैसला आया है अगर आप भी बीएड बीएसटीसी डीएलएड धारक हैं तो इससे संबंधित न्यूज़ अपने व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ सकते हैं।