राजस्थान के प्रमुख मेले, स्थान एवं तिथि | Rajasthan ke Pramukh Mele
राजस्थान के सभी जिलों को सात संभाग में बाँटा गया है। और यहाँ पर राजस्थान के प्रमुख मेले का वर्णन संभाग के आधार पर किया गया है।
राजस्थान के प्रमुख मेले (Rajasthan Ke Mele)
- बीकानेर संभाग के मेले
- जयपुर संभाग के मेले
- जोधपुर संभाग के मेले
- भरतपुर संभाग के मेले
- अजमेर संभाग के मेले
- कोटा संभाग के मेले
- उदयपुर संभाग के मेले
बीकानेर संभाग के मेले
इस संभाग में बीकानेर, चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, जिले आते है। जिनके प्रमुख मेले निम्न प्रकार है-
बीकानेर के मेले
- जांभोजी का मेला – मुकाम तलवा (बीकानेर) में लगने वाला मेला।
- करणी माता का मेला – देशनोक (बीकानेर), चननी-चेरी का मेला, नवरात्रि में भरने वाला मेला।
- कपिल मुनि का मेला – कोलायत (बीकानेर), जांगल प्रदेश का सबसे बड़ा मेला, कोलायत झील में दीपदान, कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला मेला।
- ऊँट महोत्सव – बीकानेर में जनवरी में लगने वाला मेला।
- जसनाथ जी का मेला –कतरियासर बीकानेर, जसनाथी सम्प्रदाय का मेला।
- नागणेची माता का मेला
चुरू के मेले
- लोक देवता गोगाजी का मेला – ददरेवा (चुरू) में लगने वाला मेला।
- साहवा का मेला – बुड्डाजोहड़, रायसिंह नगर, सिक्खों का सबसे बड़ा मेला।
- सालासर बालाजी का मेला – चैत्र पूर्णिमा को लगने वाला मेला।
- मनसा माता का मेला
गंगानगर के मेले
- सिक्खों का मेला – गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ का मेला, श्रावणी अमावस्या को लगने वाला मेला
- संत पम्पाराम का मेला – सिक्खों का मेला
हनुमानगढ़ के मेले
- गोगामेड़ी पशु मेला – श्रावण-भाद्रपद में नोहर में लगने वाला राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला।
- भद्रकाली माता का मेला
जयपुर संभाग के मेले
इस संभाग में जयपुर, सीकर, झुंझुन, अलवर तथा दौसा जिले सम्मिलित है-
जयपुर के मेले- शीतला माता का मेला – शीलडूंगरी चाकसु में।
- बाण गंगा मेला – विराटनगर जयपुर में।
- हाथी महोत्सव – आमेर में मार्च में लगने वाला मेला।
- पतंग महोत्सव – 14 जनवरी मकर सक्रांति के दिन लगने वाला मेला।
- गणगौर मेला – चैत्र शुल्क तृतीय को।
- बाड़ा पदमपुरा का जैन मेला।
- राजस्थान दिवस समारोह – 30 मार्च 2005 से।
सीकर के मेले
- जीण माता का मेला – रेवासा (सीकर) ।
- खाटूश्यामजी का मेला – फाल्गुन में लगने वाला मेला।
झुंझुनू के मेले
- शक्कर बाबा का उर्स – जन्माष्टमी को नरहड़ (चिड़ावा) में लगने वाला मेला, शक्कर बाबा को बांगड़ का धनी भी कहते है।
- रानी सती का मेला – भाद्रपद अमावस्या को लगने वाला मेला।
- लोहार्गल मेला – 24 कोसी परिक्रमा मेला।
अलवर के मेले
- उज्जेन के राजा भर्तहरी का मेला – मत्स्य प्रदेश का सबसे बड़ा मेला, इसको कनफटे सन्यासी का मेला भी कहते है।
- हनुमान जी का मेला – पांडूपोल अलवर में लगता है।
- चन्द्रप्रभु मेला – तिजारा अलवर।
- जगन्नाथ बाबा का मेला
- चुहड़सिद्ध मेला।
दौसा के मेले
- मेहंदीपुर बालाजी का मेला।
- आभानेरी महोत्सव।
जोधपुर संभाग के मेले
इस संभाग में जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर तथा सिरोही जिले सम्मलित है-
जोधपुर के मेले- घुडला महोत्सव – घुडले खां के मृत्यु के दिन, चैत्र में।
- वृक्ष मेला – खेजडली में भाद्रपद शुक्ल दशमी को लगने वाला मेला।
- पाबूजी का मेला – कोलू गाँव, फलौदी जोधपुर में, इसमें रावण हत्थे पर थाली नृत्य होता है।
- धिंगा-गवर- बैंतमार मेला धिंगा-गवर उदयपुर में भी मनाते है।
- चामुंडा माता मेला – मेहरानगढ़ दुर्ग।
- वीरपूरी माता का मेला- श्रावण के अंतिम सोमवार को मंडोर में।
- मारवाड़ महोत्सव – अक्टूबर।
- बाबा रामदेव मेला – मंसुरिया (जोधपुर)।
- नागपंचमी मेला – मंडोर।
- रामदेवजी/ रामदेवरा का मेला – रूणेचा (जैसलमेर) इसमें तेरहताली नृत्य होता है। मारवाड़ का कुम्भ, संख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा मेला।
- पर्यटन मरु मेला – सम तहसील।
- मरू महोत्सव – फरवरी में।
- चुंगी तीर्थ का मेला।
- मल्लीनाथ जी का मेला – तिलवाडा बाड़मेर में चैत्र माह में लगने वाला राजस्थान का सबसे पुराना मेला।
- बजरंग पशु मेला – सिंधारी बाड़मेर में।
- सुईयों का मेला – चोह्टन बाड़मेर में लगता है। इसे राजस्थान का अर्ध-कुंभ भी कहा जाता है।
- बेलून महोत्सव – बाड़मेर में अप्रैल में।
- थार महोत्सव – मार्च-अप्रैल में बाड़मेर में।
- नाकोडा जी का मेला – मेवानगर बाड़मेर।
- चोटिले पीर दुलेशाह का उर्स
- निम्बो के नाथ का मेला
- भूरिया बाबा मेला
- बाली पशु मेला
- परशुराम महादेव मेला
- सोनाणी खेताजी का मेला
- सेवडिया पशु मेला – रानीवाडा में लगता है।
- बाबा रघुनाथपुरी का मेला
- मल्लिक शाह का उर्स
- सुंधा माता का मेला
- तल्लीनाथ जी का मेला
- मनखा रो मेलो – गरासिया जाति का मेला, इसे गौर का गरासिया जाति का मेला भी कहते है।
- नक्की झील पर मेला – वैशाख पूर्णिमा को माउन्ट आबू में।
- चेतर-विचेतर का मेला – गरासिया जाति का मेला।
- ग्रीष्म महोत्सव – आबू में
- शरद महोत्सव – आबू में
- मारकंदेश्वर मेला
- सारणश्वेर मेला
भरतपुर संभाग के मेले
इस संभाग में भरतपुर, धोलपुर, सवाईमाधोपुर तथा कारौली जिले सम्मलित है-
भरतपुर के मेले- गंगा दशहरा मेला – कामा।
- बसंती पशु मेला – रूपवास भरतपुर।
- गरुड मेला – बंशी पहाड़पुर।
- भोजन थाली मेला – कामा भरतपुर, इसमें 84 कोसी परिक्रमा होती है।
- ब्रज महोत्सव – फरवरी में भरतपुर में लगता है।
- जसवंत पशु मेला
- हारिमन बाबा का मेला
- बजरंग पशु मेला
- तीर्थराज का मेला – तीर्थो के भांजे मचकुंड में लगता है।
- बाबू महाराज का मेला
- सैपऊ महादेव का मेला
- रामेश्वरम मेला – मीणा जाति का चंबल, बनास तथा सीप नदी के संगम पर लगने वाला मेला।
- चौथ माता का मेला
- सिवाड पशु मेला
- सिवाड का शिवरात्रि मेला
- त्रिनेत्र गणेश मेला
- केलादेवी मेला – चैत्र माह में लगने वाला मेला जिसे लक्खी माता मेला भी कहते है। इसमें मीणा जाति के लोग लांगुरिया गीत गाते है।
- महावीर जी का मेला – अप्रैल में लगता है। जैन समाज का सबसे बड़ा मेला।
- मदनमोहन जी का मेला
- महाशिवरात्रि पशु मेला
अजमेर संभाग के मेले
इस संभाग में अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा तथा टोंक जिले सम्मलित है-
अजमेर के मेले- पुष्कर मेला – कार्तिक शुक्ल एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक लगता है। पुष्कर को तीर्थो का मामा, तथा पुष्कर मेला को मेरवाड़ा का कुम्भ कहते है।
- बादशाह मेला – धुलण्डी के दीन ब्यावर, अजमेर में। राजा टोडरमल की सवारी निकलती है। जिसमें बीरबल का मोर या भैरव नृत्य होता है।
- ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का उर्स – रज्जब माह में लगने वाला भारत का सबसे बड़ा मेला, इसके श्रद्धालु जायरीन कहलाते है। भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा चादर चढ़कर उर्स की शुरुआत होती है।
- पीर फक्रुद्दीन चिश्ती का उर्स – सरवाड़ (नसीराबाद) अजमेर।
- कल्प वृक्ष मेला – मांगलियावास, अजमेर में श्रावण अमावस्या के दिन। इसे हरियाली अमावस्या कहते है।
- वीर तेजाजी पशु मेला – भाद्रपद शुक्ल दशमी को परबतसर (नागौर) में लगने वाला मेला, सर्वाधिक आय तथा राजस्व प्राप्त करने वाला मेला।
- चार भुजा जी का मेला – मेड़ता में मीराबाई का मंदिर में।
- संत तारकिन या हमिदुदीन नागौरी का उर्स – राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा उर्स। हमिदुदीन नागौरी को सन्यासियों का सुल्तान।
- बलदेव पशु मेला – मेड़ता (नागौर)।
- रामदेव पशु मेला – मानासर (नागौर)।
- मीराबाई मेला – मेड़ता (नागौर)।
- झुला महोत्सव
- दधिमती माता का मेला – गोठ, मांगलोद (नागौर) ।
Note- सर्वाधिक पशु मेले नागौर में लगते है
भीलवाड़ा के मेले- फुलडोल मेला – नाथद्वारा में रामस्नेही सम्प्रदाय का वार्षिकोत्सव।
- देवनारायण का मेला – भाद्रपद शुक्ल षष्टमी।
- सौरत त्रिवेणी मेला – बिगोद।
- चाँदसेन का मेला
- डिग्गीपूरी का मेला
कोटा संभाग के मेले
इस संभाग में कोटा, झालावाड, बारां तथा बूंदी जिले सम्मलित है-
कोटा के मेले- दशहरा मेला – राजस्थान का सबसे बड़ा दशहरा।
- नहाण / सवारी का मेला – सांगोद में लगता है।
- संत मीठे शाह का उर्स – गागरोन झालावाड में।
- चन्द्रभागा पशु मेला – झालरापाटन में कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला।
- बसंत पंचमी मेला – माघ शुक्ल पंचमी को लगता है।
- गोमती सागर पशु मेला – झालरापाटन में वैशाख पूर्णिमा को लगने वाला हाडौती क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला।
- सीताबड़ी का मेला – केलवाड़ा में वैशाख पूर्णिमा को लगने वाला हाडौती प्रदेश का सबसे बड़ा मेला इसे सहरिया जाति का महाकुंभ भी कहते है।
- कपिलधारा का मेला – सहरिया जाति का मेला।
- फूलडोल मेला – किशनगंज बारां।
- ब्राह्मणी माता का मेला – सौरसेन बारा में।
- धनुषलीला लोकोत्सव – अटरू बारा में लगता है।
- दोल मेला
- क्रिसमस मेला
- कजली तीज महोत्सव – भाद्रपद कृष्णा तृतीया को।
उदयपुर संभाग के मेले
इस संभाग में उदयपुर, राजसमन्द, चितौड़गढ, प्रतापगढ़ डूंगरपुर तथा बांसवाडा जिले सम्मलित है-
उदयपुर के मेले- ऋषभदेवजी का मेला – जिसे कालाजी, केसरिया जी मेला भी कहते है। ये उदयपुर के धुलैव में लगता है। हिन्दू-जैन सद्भाव का मेला।
- शिल्पग्राम महोत्सव – हवाला ग्राम, उदयपुर में दिसम्बर में लगता है।
- एकलिंगजी का मेला – कैलाशपुरी अजमेर।
- विक्रमादित्य मेला
- मेवाड़ महोत्सव – अप्रैल में लगता है।
- अन्नकूट महोत्सव – कार्तिक शुक्ल एकम को नाथद्वारा में लगता है।
- जन्माष्टमी – नाथद्वारा।
- प्रताप जयंती – जयेष्ठ शुक्ल तृतीया को हल्दीघाटी में लगता है।
- जलझुलनी एकादशी मेला – गढ़बोर चारभुजा।
- मातृकुण्डिया मेला – राश्मी चितौड़गढ में चन्द्रभागा नदी के किनारे, राजस्थान का हरिद्वार।
- मीरा महोत्सव – आश्विन पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) को अक्टूबर में लगता है।
- जौहर मेला – इतिहास सम्बन्धी मेला।
- दीवानेशाह का उर्स – कपासन चितौड़ में।
- सांवलिया जी का मेला – मंडफिया में, इसे अफीम मंदिर भी कहते है।
- राम-रावण मेला – बड़ी सादडी चितौड़ में।
- राज्य स्तरीय मेवाड़ उद्योग उत्सव – दिसम्बर में।
- मरमी माता का मेला
- सीतामाता का मेला – ज्येष्ठ अमावस्या को लगता है।
- गोतमेश्वेर मेला – अरनोद।
- भँवरमाता का मेला – छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़)।
- बेणेश्वर मेला – गाँव नवाटापूरा, तहसील आसपुर में सोम-माही-जाखम संगम पर माघ पूर्णिमा को लगने वाला मेला, इसे आदिवासियों, वांगड तथा भीलों का कुम्भ कहते है। यह वांगड का सबसे बड़ा मेला है। इसमें खंडित शिवलिंग की पूजा होती है। यह स्थान संत मावजी से जुड़ा है।
- पीर फखरूद्दीन का उर्स – गलियकोट (डूंगरपुर) में लगता है यह शिया मुसलिम दाऊदी बोहरा का सबसे बड़ा उर्स है।
- नीला-पानी मेला
- देव-सोमनाथ मेला
- हरमात्या मेला
- घोटियाअम्बा माता का मेला – घोटिया में आदिवासियों का दूसरा कुम्भ (प्रथम बेणेश्वर मेला)।
- त्रिपुरा सुन्दरी का मेला – तलवाड़ा बांसवाडा।
- घाटी रणछोड़ मेला
राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित प्रमुख महोत्सव
महोत्सव | राज्य | माह |
मत्स्य महोत्सव | अलवर | सितम्बर- अक्टूबर |
ऊँट महोत्सव | बीकानेर | जनवरी |
हाथी महोत्सव | जयपुर | मार्च |
दशहरा महोत्सव | कोटा | अक्टूबर |
मारवाड़ महोत्सव | जोधपुर | अक्टूबर |
मेवाड़ महोत्सव | उदयपुर | अप्रैल |
मरू महोत्सव | जैसलमेर | जनवरी-फ़रवरी |
पतंग महोत्सव | जयपुर | 14 जनवरी |
राजस्थान के प्रमुख पशु मेले
पशु मेला | स्थान | विशेष |
वीरतेजाजी पशु मेला | परबतसर (नागौर) | आय की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा मेला |
गोगामेड़ी पशु मेला | नोहर (हनुमानगढ़) | |
रामदेव पशु मेला | मानसर (नागौर) | |
मल्लीनाथ पशु मेला | तिलवाड़ा (बाड़मेर) | लूनी नदी के किनारे |
चंद्रभागा पशु मेला | झालरापाटन (झालावाड) | |
पुष्कर पशु मेला | पुष्कर (अजमेर) | |
गोमती पशु मेला | झालरापाटन (झालावाड) | हाडौती का सबसे बड़ा पशु मेला |
सेवडिया पशु मेला | रानीवाड़ा (जालौर) | |
बलदेव पशु मेला | मेड़ता (नागौर) | बलदेव राय मिर्धा की स्मृति में |
जसवंत पशु मेला | भरतपुर | राजा जसवंतसिंह की याद में |
बाबा रघुनाथपुरी का मेला | सांचौर (जालौर) | |
गधों का मेला | लुणीयावास (सांगानेर,जयपुर) |
राजस्थान के प्रमुख उर्स
उर्स | स्थान | माह |
पंजाबशाह का उर्स | अजमेर के ढाई दिन के झोपड़े में | |
पीर फक्रुद्दीन चिश्ती का उर्स | सरवाड़ (तहसील नसीराबाद) अजमेर | |
संत मीठे शाह का उर्स | गागरोन (झालावाड) | |
पीर फखरूद्दीन का उर्स | गलियाकोट (डूंगरपुर) | |
मालिक शाह का उर्स | जालौर दुर्ग में | |
ख्वाजा मोईनुद्दीन का उर्स | अजमेर | रज्जब माह की 1 से 6 तारीख तक |
चौटीला पीर ढूल्ले शाह का का उर्स | पाली | |
शक्करबार का उर्स | नरहड़ (चिडावा, झुंझुनूं) | कृष्ण जन्माष्टमी के दिन |
तारकिन संत हमीदुद्दीन नागौरी का उर्स | नागौर |