जेईई-एडवांस्ड में अब तक इतिहास की सबसे कम कटऑफ रही

 जेईई-एडवांस्ड में अब तक इतिहास की सबसे कम कटऑफ रही: जेईई-एडवांस्ड रिजल्ट एनालिसिस, आईआईटी-एनआईटी काउंसलिंग आज से

जेईई-एडवांस्ड में अब तक इतिहास की सबसे कम कटऑफ रही

आईआईटी मुम्बई की ओर से जेईई-एडवांस्ड का परिणाम रविवार को जारी कर दिया गया। परिणामों में एक बार फिर काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई करने की कटऑफ में गिरावट देखने को मिली है।एलन करियर इंस्टीट्यूट के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष 23 आईआईटी की कुल 16598 सीटों के लिए 40712 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई किया गया। इसमें 34196 छात्र एवं 6516 छात्राएं शामिल हैं। काउंसलिंग में विद्यार्थियों को क्वालीफाई करने के लिए आईआईटी जेईई के इतिहास में सबसे कम कटऑफ रखी गई। इस वर्ष काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई कट ऑफ ओपन की औसत कटऑफ 15.28, विषयवार 4.40 प्रतिशत, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की औसतन 13.89 एवं विषयवार 4 प्रतिशत, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की औसतन 7.78 एवं विषयवार कटऑफ 2.20 रही यानी इस वर्ष 306 नम्बर का जेईई-एडवांस का पेपर हुआ जिसमें ओपन के औसत 55 अंक, विषयवार 05 अंक , ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की औसत 50 अंक एवं विषयवार 5 अंक, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की औसतन 28 अंक एवं विषयवार कटऑफ 3 अंक रहे, जबकि गत वर्षों में काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई करने की मिनिमम कट ऑफ ओपन कैटेगरी की औसतन कट ऑफ 17.50, विषयवार 5 प्रतिशत, ओबीसी एवं एडब्ल्यूएस की औसतन 15.75 व विषयवार 4.50 प्रतिशत, एससी व एसटी एवं शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 8.75 एवं विषयवार 2.50 प्रतिशत कट ऑफ रही। ऐसे में करीब सामान्य एवं ओबीसी-ईडब्ल्यूएस की कट ऑफ में करीब दो प्रतिशत तथा एससी-एसटी एवं पीडब्ल्यूडी की कटऑफ में करीब एक प्रतिशत की गिरावट आई।

काउंसलिंग आज (सोमवार) से

आहूजा ने बताया कि आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी एवं जीएफटीआई के कुल 114 इंजीनियरिंग संस्थानों की 620 से ज्यादा प्रोग्राम्स के लिए 12 सितंबर सुबह 10 बजे से जोसा काउंसलिंग प्रारंभ होगी। इस वर्ष यह काउंसलिंग प्रक्रिया 21 अक्टूबर तक छह चरणों में संपन्न होगी। विद्यार्थियों को 12 से 21 सितम्बर तक कॉलेज की चॉइस भरने का विकल्प दिया गया है। प्रथम राउंड का सीट आवंटन 23 सितम्बर को जारी होगा, विद्यार्थियों को इस वर्ष सीट आवंटन के पश्चात आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी।

ऐसे करें च्वाइस फिलिंग

आहूजा ने बताया कि विद्यार्थियों को च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, अतः विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें। विद्यार्थी गत वर्षों की कॉलेजों की ओपनिंग एंड क्लोजिंग रैंक्स को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं। विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करे। जोसा काउंसलिंग में कॉलेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कॉलेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइन भरें ताकि गलती होने की संभावना ना रहे। विद्यार्थियों को कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य पूर्ण चेक करें क्योंकि लॉक करने के उपरान्त उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे।

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